चेनाब ब्रिज (Chenab Bridge) भारत का नहीं, दुनिया का सबसे ऊँचा रेलवे आर्क ब्रिज है। यह भारत के जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में चेनाब नदी पर बनाया गया है। इसका निर्माण भारतीय रेलवे (Konkan Railway और Northern Railway) द्वारा किया गया है और यह उधमपुर–श्रीनगर–बारामुला रेलवे लाइन (USBRL प्रोजेक्ट) का हिस्सा है।
यहाँ चेनाब ब्रिज की कुछ प्रमुख तकनीकी बातें (Technical Specifications in Hindi) दी गई हैं:
चेनाब ब्रिज की तकनीकी जानकारियाँ:
विशेषता | विवरण |
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स्थान | रियासी जिला, जम्मू और कश्मीर |
नदी का नाम | चेनाब |
कुल लंबाई | 1,315 मीटर (1.3 किमी) |
मुख्य आर्क की लंबाई | 467 मीटर |
ऊँचाई (नींव से रेल तक) | 359 मीटर (एफिल टावर से भी ऊँचा) |
सामग्री | स्टील और कंक्रीट का मिश्रण |
वजन उठाने की क्षमता | 25 टन तक के भार के लिए डिज़ाइन |
भूकंप रोधी डिज़ाइन | जोन-V सिस्मिक ज़ोन के लिए संरक्षित |
तेज़ हवा से सुरक्षा | 260 किमी/घंटा तक की हवा को सहन करने की क्षमता |
निर्माण प्रारंभ | वर्ष 2004 |
निर्माण पूरा | वर्ष 2022 (ट्रायल रन), उद्घाटन 2025 |
लागत | ₹1,850 करोड़ (अनुमानित) |
इंजीनियरिंग की खास बातें:
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आर्क डिज़ाइन:
यह ब्रिज एक सिंगल स्पैन स्टील आर्क ब्रिज है, जिसे दुनिया की सबसे कठिन भौगोलिक स्थितियों में बनाया गया है। आर्क डिज़ाइन के कारण यह पुल नदी के ऊपर बिना कोई पिलर डाले नदी के पार गया है। -
पेंटिंग और कोटिंग:
इस ब्रिज को 120 साल तक जंग से सुरक्षित रखने के लिए जिंक-कोटेड पेंटिंग का इस्तेमाल किया गया है। -
स्ट्रक्चरल हेल्थ मॉनिटरिंग सिस्टम:
ब्रिज में सेन्सर्स और रियल-टाइम निगरानी प्रणाली लगाई गई है जो इसके स्ट्रक्चर की स्थिति को लगातार ट्रैक करेगी। -
डार्क ज़ोन में निर्माण:
कश्मीर घाटी के आतंकी प्रभाव वाले क्षेत्रों में इसका निर्माण हुआ, जिससे यह एक सुरक्षा की दृष्टि से भी चुनौतीपूर्ण प्रोजेक्ट था।
उपयोग और महत्व:
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यह ब्रिज उधमपुर से श्रीनगर तक रेलवे नेटवर्क को जोड़ता है, जिससे कश्मीर घाटी को पूरे भारत से जोड़ा जा सकेगा।
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यह सैनिकों की आवाजाही, पर्यटकों के लिए यात्रा और स्थानीय लोगों के लिए आर्थिक विकास का माध्यम बनेगा।